भोपाल में आयोजित ‘सुशासन संवाद 2.0 मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम में सहभागिता कर सुशासन, संगठन और सकारात्मक परिवर्तन से जुड़े विचार साझा किए।
पाञ्चजन्य ने प्रारंभ से ही नि:स्वार्थ भाव से विचार-व्यवस्था को सशक्त बनाने में जो विशिष्ट पहचान बनाई है, वही हमारी सांस्कृतिक और वैचारिक विरासत का अहम हिस्सा है।