जनसहभागिता से आत्मनिर्भरता की ओर

जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर स्वदेशी को प्रोत्साहन, शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने और प्रशासन को अधिक जनोन्मुखी बनाने पर सार्थक विचार-विमर्श किया गया। जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया गया कि वे कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, नव उद्यमियों को प्रोत्साहित करने तथा रोज़गारपरक कार्यों से युवाओं को जोड़ने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाएँ। जनसहभागिता से ही आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत का निर्माण संभव है।